उलझन में जिंदगी है मजा ढूँढ रहे हैं
उलझन में जिंदगी है मजा ढूँढ रहे हैं
करते हैं जफ़ा लोग वफ़ा ढूँढ रहे हैं
बाँटी हैं खुशियाँ मगर खुश फिर भी नहीं हम
दुनिया से वफा करके सिला ढूँढ रहे हैं
गुम गई हैं खुशियाँ कहां खबर कुछ भी नहीं है
रख सके हम दिल को खुश कला ढूँढ रहे हैं
ढूँढे है कोई राम कोई ढूंढें है रब को
इंसानों में इंसानी अदा ढूँढ रहे हैं
कर दिया घायल जिन अदाओं ने मुझको
हम तो वहीं नाज ओ अदा ढूँढ रहे हैं
दिल मेरा टूटा है कुछ इस तौर से यारों
हार गई जिंदगी कँवल क़ज़ा ढूँढ रहे हैं