Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2023 · 1 min read

उर से तुमको दूंँ निर्वासन!

अक्सर आंँसू ने धोखा से छोड़ा नयन का व्योम अकिंचन।
घटना है, प्रयास अथक है, मन से तुमको दूंँ निर्वासन!

फूल सरीखा दिल है मेरा
तुम कहते हो पत्थर होने।
जैसे फूल ही खुद कहता हो
राहों में अब कंटक बोने।

निज दायित्वों पर अड़े रहो ,
चाहे रोता जाए प्रेमी मन।
अक्सर आंँसू ने धोखा से छोड़ा नयन का व्योम ,अकिंचन।
घटना है, प्रयास अथक है, मन से तुमको दूंँ निर्वासन!

तिरस्कार करने वाले सुन,
प्रेम खेल की वस्तु है क्या?
उत्तल भाव की गाथाओं में,
अवतल प्रेम तथस्तु है क्या?

छोड़ो,जिसका दर्द वो जाने
कैसे करे विकल संपादन…
अक्सर आंँसू ने धोखा से छोड़ा नयन का व्योम ,अकिंचन।
घटना है, प्रयास अथक है, उर से तुमको दूंँ निर्वासन!

मेरी कविता के सर्वनाम के
केवल तुम ही इक संज्ञा हो…
मेरी व्यथा की आहें तुम हो
आहोँ की सिसक ठिठक प्रज्ञा हो।

मैं इक तरफा प्रेम किया हूंँ,,
तुमको करना था निष्पादन।
अक्सर आंँसू ने धोखा से छोड़ा नयन का व्योम ,अकिंचन।
घटना है, प्रयास अथक है, उर से तुमको दूंँ निर्वासन!

रातें थी प्यासी आंँसू की
मैंने रोकर प्यास बुझाई।
तुम चंँदा का हाथ थामकर
खेल रही छुप्पन छुपाई।

बाक़ी केवल तुम खुश रहना,
मैं दर्दों में काटूंँ जीवन!
अक्सर आंँसू ने धोखा से छोड़ा नयन का व्योम ,अकिंचन।
घटना है, प्रयास अथक है, उर से तुमको दूंँ निर्वासन!

दीपक झा रुद्रा

148 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ज़रूरी नहीं के मोहब्बत में हर कोई शायर बन जाए,
ज़रूरी नहीं के मोहब्बत में हर कोई शायर बन जाए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
The thing which is there is not wanted
The thing which is there is not wanted
कवि दीपक बवेजा
भोले नाथ है हमारे,
भोले नाथ है हमारे,
manjula chauhan
1 *मेरे दिल की जुबां, मेरी कलम से*
1 *मेरे दिल की जुबां, मेरी कलम से*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
संगीत और स्वतंत्रता
संगीत और स्वतंत्रता
Shashi Mahajan
Miss you Abbu,,,,,,
Miss you Abbu,,,,,,
Neelofar Khan
!! दर्द भरी ख़बरें !!
!! दर्द भरी ख़बरें !!
Chunnu Lal Gupta
कुछ नया लिखना है आज
कुछ नया लिखना है आज
करन ''केसरा''
*अनार*
*अनार*
Ravi Prakash
शहर की गहमा गहमी से दूर
शहर की गहमा गहमी से दूर
हिमांशु Kulshrestha
खुशियों के पल पल में रंग भर जाए,
खुशियों के पल पल में रंग भर जाए,
Kanchan Alok Malu
कुंडलिया. . .
कुंडलिया. . .
sushil sarna
सबको खुश रखना उतना आसां नहीं
सबको खुश रखना उतना आसां नहीं
Ajit Kumar "Karn"
माँ भारती की पुकार
माँ भारती की पुकार
लक्ष्मी सिंह
हँसकर गुजारी
हँसकर गुजारी
Bodhisatva kastooriya
मातर मड़ई भाई दूज
मातर मड़ई भाई दूज
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
माँ
माँ
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
" वार "
Dr. Kishan tandon kranti
* सखी  जरा बात  सुन  लो *
* सखी जरा बात सुन लो *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
शीर्षक – निर्णय
शीर्षक – निर्णय
Sonam Puneet Dubey
मजदूर दिवस पर विशेष
मजदूर दिवस पर विशेष
Harminder Kaur
हिंदी हाइकु
हिंदी हाइकु
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मानस हंस छंद
मानस हंस छंद
Subhash Singhai
पर्यावरण
पर्यावरण
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
Dr arun kumar shastri
Dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
■ आज का शेर शुभ-रात्रि के साथ।
■ आज का शेर शुभ-रात्रि के साथ।
*प्रणय*
𑒚𑒰𑒧-𑒚𑒰𑒧 𑒁𑒏𑒩𑓂𑒧𑒝𑓂𑒨𑒞𑒰 𑒏, 𑒯𑒰𑒙 𑒮𑒥 𑒪𑒰𑒑𑒪 𑒁𑒕𑒱 !
𑒚𑒰𑒧-𑒚𑒰𑒧 𑒁𑒏𑒩𑓂𑒧𑒝𑓂𑒨𑒞𑒰 𑒏, 𑒯𑒰𑒙 𑒮𑒥 𑒪𑒰𑒑𑒪 𑒁𑒕𑒱 !
DrLakshman Jha Parimal
3348.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3348.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
Loading...