उर में बस गए राम मेरे
उर में बस गए राम मेरे,
अब दर्शन हर पल करता हूँ।
प्रभु दर्शन की अमूल्य निधि से,
मैं अपनी झोली भरता हूँ।
रखवारे जब से राम हुए,
तब से न किसी का दखल हुआ।
प्रभु के श्री चरणों में आकर,
यह जीवन मेरा सफल हुआ।
उर में बस गए राम मेरे,
अब दर्शन हर पल करता हूँ।
प्रभु दर्शन की अमूल्य निधि से,
मैं अपनी झोली भरता हूँ।
रखवारे जब से राम हुए,
तब से न किसी का दखल हुआ।
प्रभु के श्री चरणों में आकर,
यह जीवन मेरा सफल हुआ।