*उर्मिला (कुंडलिया)*
उर्मिला (कुंडलिया)
किसने जानी उर्मिला, किसने उसका त्याग
चौदह वर्षों तक रही, सदा अहर्निश जाग
सदा अहर्निश जाग, नहीं देखा कब रोई
रहा तथ्य अज्ञात, चैन से थी कब सोई
कहते रवि कविराय, लक्षमण खोया जिसने
वह तपस्विनी एक, उर्मिला जानी किसने
अहर्निश = दिनरात
रचयिता रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451