उम्र है छोटी
नाम मेरा है ग्रंथ शर्मा
रहता हूं मैं अपने घर में
उम्र मेरी दो वर्षों वाली
काम मेरे हैं सोलह वाले
घर से जब हम बाहर निकलें।
छोरियों की लग जाती लाइन
मेरी वाली नजर न आए
बांकि नजर हैं आती सारी
सोलह वर्ष को जब आँख है मारा
उसने मुझको किया किनारा
मैंने पूंछा क्या है कारण
कहती कि तेरी उम्र है छोटी
मैंने बोला क्या उम्र है होता
दिन रात हूं तेरी याद में रोता
संजय कुमार✍️✍️