उम्र बढती रही दोस्त कम होते रहे।
उम्र बढती रही दोस्त कम होते रहे।
जिन्दगी के हसीं लम्हें नम होते रहे
अब रहे है साथ वहीं जो चलेंगे कदम से कदम
बन के मेरी परछाई हर पल हर दम
बन के साज़ जो मेरे सुर में बाजे है
झुम के होकर मस्त संग मेरे नाचे है
वो दोस्त मेरे दिल में जो हर दम समायें
जिसके बिना एक पल भी रहा न जाये।
जिसकी यारी मेरी जान से भी प्यारी है
दोस्तों में जग से न्यारी वो बेटीयां म्हारी है।