उम्र ढली तो ही जाना, महत्व जोबन का।
उम्र ढली तो ही जाना, महत्व जोबन का।
अंतर्प्रज्ञा जाग उठी, रुपसी जोगन का।।
सभी शून्य की ओर चले, बरसे हैं नयना,
मृत्यु गले से लिपट गई, दर्शन सौतन का।।
— ननकी 18/09/2024
उम्र ढली तो ही जाना, महत्व जोबन का।
अंतर्प्रज्ञा जाग उठी, रुपसी जोगन का।।
सभी शून्य की ओर चले, बरसे हैं नयना,
मृत्यु गले से लिपट गई, दर्शन सौतन का।।
— ननकी 18/09/2024