उम्र के हर पड़ाव पर
उम्र के हर पड़ाव पर,
हर तरह के लोग मिले,
कुछ दोस्त मिले,
कुछ दुश्मन मिले,
कुछ वफादार मिले,
कुछ बेवफा मिले,
कुछ लोग ही ऐसे थे,
जो हमेशा मेरे साथ चले।
उम्र की जेब की
जब मैने तलाशी ली,
कुछ लम्हे ऐसे भी निकले,
कुछ गम के थे,
कुछ खुशी के थे,
कुछ बिल्कुल टूटे हुए थे,
बस कुछ ही सलामत मिले,
जो केवल मेरे बचपन के थे।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम