Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jul 2022 · 1 min read

उम्मीद

अपनी उम्मीदों का चराग जलाए रखना।
शक की आंधी से हमेशा बचाए रखना।
मैं आऊंगा मेरी जान तेरे सर की कसम।
बस अपनी धड़कन यूं ही बचाए रखना।।

Language: Hindi
3 Likes · 290 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कभी कभी हम हैरान परेशान नहीं होते हैं बल्कि
कभी कभी हम हैरान परेशान नहीं होते हैं बल्कि
Sonam Puneet Dubey
पर्यावरण सम्बन्धी स्लोगन
पर्यावरण सम्बन्धी स्लोगन
Kumud Srivastava
बिटिया नही बेटों से कम,
बिटिया नही बेटों से कम,
Yogendra Chaturwedi
"तू है तो"
Dr. Kishan tandon kranti
" अब कोई नया काम कर लें "
DrLakshman Jha Parimal
पुनीत /लीला (गोपी) / गुपाल छंद (सउदाहरण)
पुनीत /लीला (गोपी) / गुपाल छंद (सउदाहरण)
Subhash Singhai
डर - कहानी
डर - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
उन्हें क्या सज़ा मिली है, जो गुनाह कर रहे हैं
उन्हें क्या सज़ा मिली है, जो गुनाह कर रहे हैं
Shweta Soni
भोग पिपासा बढ़ गई,
भोग पिपासा बढ़ गई,
sushil sarna
अपने देश की अलग एक पहचान है,
अपने देश की अलग एक पहचान है,
Suraj kushwaha
पुरुषार्थ
पुरुषार्थ
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
चचा बैठे ट्रेन में [ व्यंग्य ]
चचा बैठे ट्रेन में [ व्यंग्य ]
कवि रमेशराज
वर्ण पिरामिड विधा
वर्ण पिरामिड विधा
Pratibha Pandey
विदाई
विदाई
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
नेता
नेता
surenderpal vaidya
!! पुलिस अर्थात रक्षक !!
!! पुलिस अर्थात रक्षक !!
Akash Yadav
*सियासत हो गई अब सिर्फ, कारोबार की बातें (हिंदी गजल/गीतिका)*
*सियासत हो गई अब सिर्फ, कारोबार की बातें (हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
मेरी जिंदगी सजा दे
मेरी जिंदगी सजा दे
Basant Bhagawan Roy
2883.*पूर्णिका*
2883.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भारत की नई तस्वीर
भारत की नई तस्वीर
Dr.Pratibha Prakash
आए गए कई आए......
आए गए कई आए......
कवि दीपक बवेजा
*Awakening of dreams*
*Awakening of dreams*
Poonam Matia
प्यासा के कुंडलियां (दारू -मदिरा) विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
प्यासा के कुंडलियां (दारू -मदिरा) विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
Vijay kumar Pandey
नास्तिक सदा ही रहना...
नास्तिक सदा ही रहना...
मनोज कर्ण
अभी मेरी बरबादियों का दौर है
अभी मेरी बरबादियों का दौर है
पूर्वार्थ
दौलत नहीं, शोहरत नहीं
दौलत नहीं, शोहरत नहीं
Ranjeet kumar patre
कैसी
कैसी
manjula chauhan
तू एक फूल-सा
तू एक फूल-सा
Sunanda Chaudhary
आंखें
आंखें
Ghanshyam Poddar
एक
एक
*प्रणय प्रभात*
Loading...