उम्मीद की रोशनी में।
उम्मीद की रौशनी में इश्क हो रहा है।
बड़ा ख्वाब उन नजरों में सज रहा है।।
इश्क पर किसी का ना जोर चल रहा है।
कैद में है बुलबुल और सैयाद रो रहा है।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍
उम्मीद की रौशनी में इश्क हो रहा है।
बड़ा ख्वाब उन नजरों में सज रहा है।।
इश्क पर किसी का ना जोर चल रहा है।
कैद में है बुलबुल और सैयाद रो रहा है।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍