उम्मीद और दुनिया
कहते हैं-
उम्मीदों पर
दुनिया टिकी है,
पर अबतक दुनिया पे
उम्मीद टिकाए था !
‘भाग्य’ कुछ नहीं होती !
हारे को हरिनाम…..
पर वफादार कौन हैं,
वक्त और
सुविधा के अनुसार
बदलते रहते हैं ?
कहते हैं-
उम्मीदों पर
दुनिया टिकी है,
पर अबतक दुनिया पे
उम्मीद टिकाए था !
‘भाग्य’ कुछ नहीं होती !
हारे को हरिनाम…..
पर वफादार कौन हैं,
वक्त और
सुविधा के अनुसार
बदलते रहते हैं ?