Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Feb 2020 · 1 min read

उम्मीदे वफा

ये जो वफा की उम्मीद तुमनें हमसे की है
हम तुम्हें कभी यूं ही रुसवा नहीं होने देंगे ।

हम खुद विक जायेंगे बाजार ए महफिल में ,
पर तुम्हारी अस्मत को नीलाम नहीं होने देंगे ।

तुमनें हम पर मोहब्बत में एतवार किया है ,
इस मतलबी और वेवफाई के हसीं दौर में ।

जान अपनी पनाह कर देंगे हम तुम्हारे लिए ,
पर खंजर तुम्हारे दिल के पार नहीं होने देंगे ।

मुकम्मल सकून मिलता है मेरी रूह को ,
जो दीदार हो जाता है महज तेरा मुझको ।

वहा देंगे हम लहू का अपने हर एक कतरा ,
पर तेरी आंखों से एक अश्क छलकने न देंगे ।

Language: Hindi
2 Likes · 394 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
2405.पूर्णिका
2405.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
राखी की सौगंध
राखी की सौगंध
Dr. Pradeep Kumar Sharma
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि की याद में लिखी गई एक कविता
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि की याद में लिखी गई एक कविता "ओमप्रकाश"
Dr. Narendra Valmiki
मुस्कुराती आंखों ने उदासी ओढ़ ली है
मुस्कुराती आंखों ने उदासी ओढ़ ली है
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
*कहा चैत से फागुन ने, नव वर्ष तुम्हारा अभिनंदन (गीत)*
*कहा चैत से फागुन ने, नव वर्ष तुम्हारा अभिनंदन (गीत)*
Ravi Prakash
गरीबों की जिंदगी
गरीबों की जिंदगी
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
रंजीत शुक्ल
रंजीत शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
कचनार
कचनार
Mohan Pandey
रज़ा से उसकी अगर
रज़ा से उसकी अगर
Dr fauzia Naseem shad
अब कौन सा रंग बचा साथी
अब कौन सा रंग बचा साथी
Dilip Kumar
Keep this in your mind:
Keep this in your mind:
पूर्वार्थ
बेटी से प्यार करो
बेटी से प्यार करो
Neeraj Agarwal
धरती करें पुकार
धरती करें पुकार
नूरफातिमा खातून नूरी
प्रेम
प्रेम
Kanchan Khanna
इतनी उदासी और न पक्षियों का घनेरा
इतनी उदासी और न पक्षियों का घनेरा
Charu Mitra
कोई पैग़ाम आएगा (नई ग़ज़ल) Vinit Singh Shayar
कोई पैग़ाम आएगा (नई ग़ज़ल) Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
जीवन में अहम और वहम इंसान की सफलता को चुनौतीपूर्ण बना देता ह
जीवन में अहम और वहम इंसान की सफलता को चुनौतीपूर्ण बना देता ह
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
क्यूँ इतना झूठ बोलते हैं लोग
क्यूँ इतना झूठ बोलते हैं लोग
shabina. Naaz
"चलना"
Dr. Kishan tandon kranti
रोटी की ख़ातिर जीना जी
रोटी की ख़ातिर जीना जी
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Doob bhi jaye to kya gam hai,
Doob bhi jaye to kya gam hai,
Sakshi Tripathi
सारथी
सारथी
लक्ष्मी सिंह
सूरज नहीं थकता है
सूरज नहीं थकता है
Ghanshyam Poddar
इशारों इशारों में ही, मेरा दिल चुरा लेते हो
इशारों इशारों में ही, मेरा दिल चुरा लेते हो
Ram Krishan Rastogi
मसीहा उतर आया है मीनारों पर
मसीहा उतर आया है मीनारों पर
Maroof aalam
जीवन भर चलते रहे,
जीवन भर चलते रहे,
sushil sarna
🙅नई परिभाषा🙅
🙅नई परिभाषा🙅
*Author प्रणय प्रभात*
सरस्वती बंदना
सरस्वती बंदना
Basant Bhagawan Roy
हिंदीग़ज़ल में होता है ऐसा ! +रमेशराज
हिंदीग़ज़ल में होता है ऐसा ! +रमेशराज
कवि रमेशराज
Loading...