उम्मीदें
सत्ता का स्वाद क्या चखा ,आपकी नज़रें बदल गयी
आप तो ऐसे ना थे ,
लगायी थी जो उम्मीदें किसी यकीं पर , क्या यूँ ही , उनका क्या ,
हम भी ऐसे दीवाने ना थे।
सत्ता का स्वाद क्या चखा ,आपकी नज़रें बदल गयी
आप तो ऐसे ना थे ,
लगायी थी जो उम्मीदें किसी यकीं पर , क्या यूँ ही , उनका क्या ,
हम भी ऐसे दीवाने ना थे।