उमंग
उठो सवेरा हो गया, स्वर्ण किरण के संग ।
काम शुरू अब कीजिये, लेकर जोश उमंग।।
नई सुबह की रोशनी, लाई नई उमंग।
कुसुमित पुलकित है धरा, छाया है नव रंग।।
उड़ने की चाहत लिए, मन बन गया पतंग।
आँखों में सपने कई, अंतर भरा उमंग।।
आसमान को छू सकूँ, करती रहती जंग।
एक नई उम्मीद है ,आशा और उमंग।।
पग-पग पर मिलता रहे,जब अपनों का संग।
दिल में खुशियों का तभी, भरता रंग- उमंग।।