उफ्फ़… !!
छोटो सो हल्ला, जागो मोहल्ला,
जरा सो धक्क, जरा सो शक्क,
थोड़ो सो मिल गयो बोलन को हक्क..!
कित्थे गियो रे… पता करो रे…
फ़ोन लगायो ते, स्विच ऑफ मिल्यो रे,
एनी गली से बड़े चौक तक,
मच गयो हल्ला गजब भयो रे..!!
कोई खता न… कोई पता रे,
कहाँ गियो रे… बावरो पियारे… !
कछु देर भई, कछु भ्रमण कियो,
घूम -घामके घर पे आयो रे..!!
पूछन से पहले बोल्यो रे सारो..
घूमन गयो थो, बड़े नगर को.. !
काम आ गयो थो भारी बड़ो रे,
भागनो पड़ो थो तुरंत खड़े से,,, !!
मम्मी डांटे न पापा रे भैया,
जल्दी आ गयो, अच्छो कियो रे.. !
अगवाड़े से आवाज आयी,
शायद दादी को लगी लड़ाई,
उफ्फ…. !
मन भर गयो.. भैया रे दादा,
अब से न ऐसे हरकत करो रे… !!