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11 Jul 2024 · 1 min read

उफ़ फिर से स्कूल खुल गये।

उफ़ फिर से स्कूल खुल गये।

सैर सपाटा, हल्ला गुल्ला,
छुपम छुपाई, गेंद व बल्ला,
सब पर फिर से ब्रेक लग गये,
उफ़ फिर से स्कूल खुल गये।

सुबह सवेरे जल्दी उठना,
जल्दी जल्दी रेडी होना,
फिर से भारी बस्ते लद गये,
उफ़ फिर से स्कूल खुल गये।

होमवर्क की फिर सिरदर्दी,
मिले न टीचर की हमदर्दी,
फिर से टाइम टेबिल मिल गये।
उफ़ फिर से स्कूल खुल गये।

श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद।

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