उपहार
उपहार
सभी बच्चों के हृदय में,
पुस्तकों से प्यार होगा।
और युवाओं के करों में,
सार्थक रोजगार होगा।
देश के सारे बुजुर्गों,
के लिए सम्मान होगा।
देशद्रोही,भ्रष्ट जन के,
लिए कारागार होगा।
एक शिक्षा, एक शासन,
एक ही कानून होगा।
देश के अमृत महोत्सव,
का यही उपहार होगा…..
खूब धन और धान्य होगा,
कोई भी न विपन्न होगा।
सभी के घर-द्वार होंगे,
हर कोई प्रसन्न होगा।
लाड़ली हिंदी हमारी,
राष्ट्रभाषा जब बनेगी।
सुदृढ़ शिक्षा नीति अपनी,
राष्ट्र के हित में खिलेगी।
मानसिक उस दासता से,
सभी का उद्धार होगा।
देश के अमृत महोत्सव,
का यही उपहार होगा……..
विश्व मंदी में दबा तब,
बढ़त अपनी हो रही है।
देश की समृद्धि की ही,
कथा वह तो कह रही है।
भारती के युवाओं की,
गूंज सारे विश्व में है।
और अपनी नीतियों की,
अनुगूंज सारे विश्व में है।
आज जन-जन के अधर पर,
मातु वंदे गान होगा।
देश के अमृत महोत्सव,
का यही उपहार होगा…….
वीर पुत्रों का धरा पर,
शुभ प्रशस्ति गान होगा।
नींव के पत्थर बने जो,
उन सभी का भान होगा।
सभ्यता और संस्कृति का,
फिर नया उत्कर्ष होगा।
राष्ट्र का गौरव जगेगा।
हर हृदय में हर्ष होगा।
राष्ट्र- प्रहरी सिंह सा तो,
दुश्मनों पर वार होगा।
देश के अमृत महोत्सव,
का यही उपहार होगा……
इंदु पाराशर