उपन्यास क्या है
कोई भी लंबी कहानी जो काल्पनिक हो तथा कई पात्रों एवं घटनाओं से युक्त हो उसे उपन्यास कहा जाता है।
यह गद्य की वह विधा है जो कथा वस्तु के द्वारा समाज चित्रण एवं मानव जीवन के सजीव चित्रण दर्शाता है। एक ओर जहाँ महाकाव्यों में कृत्रिम बनावटी सौन्दर्यान्मुख और आदर्शप्रद शब्दावली की प्रचुरता होती है वहीं दूसरी ओर उपन्यास कहानी का वह वृहत्तर स्वरूप है जिसमें यथार्थ और कल्पना का संतुलित समन्वय प्रतिबिंबित होता है
उपन्यासकार जीवन की विसंगतियों का वास्तविक चित्रण प्रस्तुत करने में ही अपनी कला की सार्थकता देखता है।
दूसरे शब्दों में कहें तो उपन्यास गद्य विधा की प्रधानता लिए स्वरूप है जिसमें किसी भी कल्पित चरित्र का देशकाल में स्वाभाविक चित्रण किया जाता है।
उपन्यास गद्य कथा की एक काल्पनिक कृति होती है। अच्छे उपन्यासों में वास्तविकता पर प्रकाश डाला जाता है, जिसका उत्कृष्टतम
उदाहरण हमारे हिन्दी साहित्य के कलम के जादूगर उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित सुप्रसिद्ध उपन्यास गोदान है।
यह उपन्यास हमारे देश की उस प्यारी संस्कृति का दर्शन कराता है जो शनैः शनैः हमारे बीच से विलुप्त हो रही है। यह मेरा प्रिय उपन्यास है। उपन्यास की सार्थकता किसी भी पात्र को जीवन्त करने में है। यही सब कुछ तो गोदान के होरी और धनिया के रूप में अति उत्कृष्ट तरीके से प्रस्तुत हुए हैं।
रंजना माथुर
अजमेर (राजस्थान)
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना