उपदेश
जहाँ,
सारे उत्तरदायित्वों का निर्वहन
शान्त भाव से होता गया
वहाँ से,
कभी उपदेश नहीं बाँचे गये।
जहाँ,
मन पर रहा
कर्तव्य-विमुखता का बोझ
अक्सर वहीं से
समय-समय पर
दूसरों को
कर्तव्य परायणता के
पाठ पढ़ाये गये
©निकीपुष्कर
जहाँ,
सारे उत्तरदायित्वों का निर्वहन
शान्त भाव से होता गया
वहाँ से,
कभी उपदेश नहीं बाँचे गये।
जहाँ,
मन पर रहा
कर्तव्य-विमुखता का बोझ
अक्सर वहीं से
समय-समय पर
दूसरों को
कर्तव्य परायणता के
पाठ पढ़ाये गये
©निकीपुष्कर