उपकार
न करो अनदेखा
पुकार को
किस को जरूर
यह ध्यान रखें
सुनो मां की
पुकार
है आशीर्वाद भरी
मिलेगा आशीष और
प्यार
दुश्मन ललकारता है
जब जब
भरते है हूंकार वीर
पुकारता है
हर भारतवासी
जय जवान जय किसान
सुनो पुकार
हर बेटी की
न हो वो बेबस
अत्याचारियों का
हो अंत
करें सब मिल कर
पुकार
अपनाये ईमान
मेहनत और
करें समाज पर
उपकार
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल