उन्होंने प्रेम को नही जाना,
उन्होंने प्रेम को नही जाना,
जिसने अपनी कविताओं
अपनी शायरियों में
प्रेमिकाओं को बेवफ़ा कहा,
प्रेम को जाना उन्होंने
जिसने एक दूसरे में पाया
परमात्मा की छवि को
प्रेम कोई ठहराव नही
प्रेम तो है बहती हुई नदी,
स्वच्छ और निर्मल