उन्हें भी काश हमसे प्यार होता!
हमारा दिल नहीं बेज़ार होता!
उन्हें भी काश हमसे प्यार होता!
हमारे दिल पे तुम भी राज करते,
तुम्हारा प्यार मेरा प्यार होता!
मुझे लगता मैं हूँ बेहद तिलस्मी,
प्यार करता न तो ऐय्यार होता!
नहीं लुटता हमारा घर भी् यारो,
अगर ढॅंग का जो चौकीदार होता!
यहाँ छोटे बड़े होते बराबर,
अगर श्री राम का दरबार होता!
नहीं बन पाये हम श्रीकृष्ण ‘प्रेमी’
तो राधा का कहाँ दीदार होता!
…… ✍ ‘प्रेमी’