उनसे हमारी ये जो मुलाकात हो गई
ग़ज़ल…
उनसे हमारी ये जो मुलाकात हो गई,
सबसे हसीन अपनी तो ये रात हो गई।
देखा तो लगा जैसे कहीं ख्वाब तो नहीं,
अच्छा ये हुआ दिल से सही बात हो गई।
गुलशन के महक फूल उठे छू लिया उन्हें,
मन में हजार सपनों की बरसात हो गई।
पहले तो ये लगा नसीब में है कुछ नहीं,
लेकिन हसीन सबसे ये सौगात हो गई।
रह पाता नहीं दूर कहीं तुमसे एक पल,
‘राही’ अजीब अपनी ये हालात हो गई।
डाॅ. राजेन्द्र सिंह ‘राही’
(बस्ती उ. प्र.)