उनसे पूंछो हाल दिले बे करार का।
उनसे पूंछो हाल दिले बे करार का।
शोखियां चेहरे की पहचान होती है।।1।।
ज़रूरी नही कि लबों से ही बताये।
इशारों से भी हर एक बात होती है।।2।।
मिल जाने को मयस्सर नहीं कहते।
ज़िन्दगी इतनी ना आसान होती है।।3।।
तुमको नहीं मालूम तड़प इश्क की।
जुदाई में मुहब्बत परवान चढ़ती है।।4।।
जख्म दिखाकर रुसवाई ना करेंगे।
आशिकी खुद पर इल्जाम लेती है।।5।।
किसे पता सफर में कब तक रहेंगे।
जिंदगियां जहां में मेहमान होती है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ