उनके व्यक्तित्व का रंग
सिर पर सवार
किसी आसमान में छाए
एक बादल के साये की तरह
बिजली कड़क जाये और
फटकर गिर जाये
जमीन पर तो
डरकर लिपट जायें
पेड़ से
उसके ही तन से
पहले लिपटी हुई फिर छूटकर नीचे गिरी हुई
पृथ्वी पर अब बिछी हुई
एक लता की तरह
गरजते भी हैं
बरसते भी हैं
घबराते भी हैं
लज्जाते भी हैं
खुद ही अपनी हदों में
फिर सिमट जाते भी हैं
उनके व्यक्तित्व का
रंग एक नहीं
असंख्य है
यह वह खुद भी
भली भांति समझ
पाते नहीं हैं।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001