उनकी याद में
भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी को समर्पित कविता
उनकी याद में
भावमयी था, वह पल
बीत गया, करुणामयी कल।
लाखों की भीड़ थी लेकिन
नहीं रहे उनमें अटल ।।
नम आंखों में, छवि है उनकी
देश में सदा, कमी है उनकी ।
शेर की दहाड़ थी ,वाणी में
ऐसी प्रखर छवि थी ,उनकी।।
युगपुरुष, बाहुबली
पुकारु उन्हें ,किस नाम से ।
झुका ना सिर,कभी जिनका
किसी ऐसे, काम से ।।
हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान
जाना जाता, जिनके नाम से ।
पोखरण में किया, धमाका
डरा ना किसी, अंजाम से।।
ना मन में, तृष्णा
ना नोटों की, चाहत ।
लंबे, राजनीतिक जीवन में
ना किसी को किया, आहत।।
हर वर्ग से, रिश्ता खूब निभाया
सहिष्णुता का, पाठ पढ़ाया ।
तिरंगा विश्व पटल पर, लहराकर
देश का ऊंचा, नाम बढ़ाया।।
संयुक्त राष्ट्र संघ, में
गूंजा भारत का ,नाम ।
हिंदी भाषा में, भाषण देकर
किया मातृभाषा हिंदी का ,नाम।।
दंग रह गया, विश्व उन पर
जब आया अटल का नाम ।
भारत को विश्व शक्ति बनाने में
वीर सपूत भारत रत्न ही आया, काम ।।