उनकी मुहब्बत खास है
धड़कनों में इक मधुर अहसास है
लग रही उनकी मुहब्बत खास है
हो गया गुलशन मेरे दिल का हरा
उनकी इक मुस्कान ही मधुमास है
हो रहे मादक नयन बिन ही पिए
फिर भी बढ़ दिल में रही ये प्यास है
जब हवा पुरवा चली महका है मन
इक नया होने लगा अहसास है
जब ख़ुशी आयी है लेके पल हसीं
जिंदगी में भर दिया उल्लास है
मानते सब संत दिल के प्रेम को
प्रेम पूजा प्रेम ही विश्वास है
रह ‘सुधा’ जग में सभी से प्रेम से
प्रेम जीवन का सही अरदास है
डा. सुनीता सिंह ‘सुधा’
वाराणसी,©®
8/1/2023