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7 Feb 2021 · 1 min read

उनकी आंखों में भी

तुमने मेरे लिए
गुलाब भेजे हैं
गुलाबी रंगत लिए
फूल भेजे हैं
लाजवाब भेजे हैं
बेहिसाब भेजे हैं
इनके साथ अब तक जी रहे
कांटों को उखाड़कर
कहां फेंक आये कि
हमने तो उनकी आंखों में भी
तमन्नाओं के अनगिनत दीयों से जलते
महलों के ख्वाब देखे हैं।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
416 Views
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