Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Mar 2021 · 1 min read

उनकी अदाओं के हम भी

उनकी अदाओं के हम भी
हम कम ने थे कायल
उनकी हर एक अदा ने हमें
जन्नत की खुशियाँ अता की

Language: Hindi
2 Likes · 502 Views
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all

You may also like these posts

There are seasonal friends. We meet them for just a period o
There are seasonal friends. We meet them for just a period o
पूर्वार्थ
तुम में एहसास
तुम में एहसास
Dr fauzia Naseem shad
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-151से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे (लुगया)
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-151से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे (लुगया)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
'कच' और 'देवयानी' पौराणिक कथा
'कच' और 'देवयानी' पौराणिक कथा
Indu Singh
222. प्रेम करना भी इबादत है।
222. प्रेम करना भी इबादत है।
मधुसूदन गौतम
"गुस्सा और प्रेम"
Dr. Kishan tandon kranti
आज ख़ुद के लिए मैं ख़ुद से कुछ कहूं,
आज ख़ुद के लिए मैं ख़ुद से कुछ कहूं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
संगीत का भी अपना निराला अंदाज,
संगीत का भी अपना निराला अंदाज,
भगवती पारीक 'मनु'
ग़ज़ल _ खुदगर्जियाँ हावी हुईं ।
ग़ज़ल _ खुदगर्जियाँ हावी हुईं ।
Neelofar Khan
बुरा किसी को नहीं समझना
बुरा किसी को नहीं समझना
Rambali Mishra
जबले जान रही ये जान (युगल गीत)
जबले जान रही ये जान (युगल गीत)
आकाश महेशपुरी
खामोशी के किवाड़
खामोशी के किवाड़
Nitin Kulkarni
दायरा
दायरा
Dr.Archannaa Mishraa
Lines of day
Lines of day
Sampada
करते हैं सभी विश्वास मुझपे...
करते हैं सभी विश्वास मुझपे...
Ajit Kumar "Karn"
खाली पैमाना
खाली पैमाना
ओनिका सेतिया 'अनु '
जो न कभी करते हैं क्रंदन, भले भोगते भोग
जो न कभी करते हैं क्रंदन, भले भोगते भोग
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
Harminder Kaur
घमंड
घमंड
Adha Deshwal
महिलाओं का नेतृत्व और शासन सत्ता की बागडोर
महिलाओं का नेतृत्व और शासन सत्ता की बागडोर
Sudhir srivastava
सद् गणतंत्र सु दिवस मनाएं
सद् गणतंत्र सु दिवस मनाएं
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
हवस दिमाग से पैदा होती है और शरीर के रास्ते बाहर निकलती है द
हवस दिमाग से पैदा होती है और शरीर के रास्ते बाहर निकलती है द
Rj Anand Prajapati
2122 1212 22/112
2122 1212 22/112
SZUBAIR KHAN KHAN
2938.*पूर्णिका*
2938.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*तानाशाहों को जब देखा, डरते अच्छा लगता है 【हिंदी गजल/गीतिका】
*तानाशाहों को जब देखा, डरते अच्छा लगता है 【हिंदी गजल/गीतिका】
Ravi Prakash
जो सुनता है
जो सुनता है
Meera Thakur
योगी बनाम संन्यासी
योगी बनाम संन्यासी
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
यह रंगीन मतलबी दुनियां
यह रंगीन मतलबी दुनियां
कार्तिक नितिन शर्मा
दिल पागल, आँखें दीवानी
दिल पागल, आँखें दीवानी
Pratibha Pandey
आस्था के प्रतीक है, राम
आस्था के प्रतीक है, राम
Bhupendra Rawat
Loading...