उनका शाही अंदाज
कब तक रहते हैं वो हमसे नाराज देखना है,
मेरे बिना बेहतर होता जीवन उनका ये विश्वास देखना है,
कई बार कहते हैं वो हमारी जरुरत नहीं उन्हें,
मेरे बिना उनके जीने का अंदाज देखना है,
सोचती हूँ कभी कभी ख़तम दू ये अनचाही जिंदगी,
मगर उनकी इस बेपनाह नफरत का एहसास देखना है,
वो जीना चाहते हैं शायद मुझसे दूर होकर,
मेरे इस सवाल का क्या देते हैं वो जबाब देखना है,
सिखाते हैं वो हमेशा मुझे तहजीब का पहाड़ा,
कितना और कैसे है उनके लब्जो में लिहाज देखना है,
कहते हैं वो हमसे की कदर नहीं हमे पैसों की,
मेरी अनुपस्थिति में उनका हिसाब किताब देखना है,
उनके मुताबिक वो खुश थे मेरे न होने पे,
मुझे तो मेरे बाद उनका वो खुश मिजाज देखना है,
शिकायत है उनको हम निभाते नहीं रिश्तो की परम्परा,
रिश्तो को दूर तक ले जाने का हमे उनका आगाज देखना है,
वो कभी न थे अकेले मुझसे रिश्ता जुड़ने से पहले,
अब कौन कब तक रहता है उनके साथ देखना है,