उद्धार
ऐसे तो बेड़ा पार नहीं होता
कोई दर्शन शुमार नहीं होता
माता – पिता की सेवा के बगैर
किसी का भी उद्धार नहीं होता
ऐसे तो बेड़ा पार नहीं होता
कोई दर्शन शुमार नहीं होता
माता – पिता की सेवा के बगैर
किसी का भी उद्धार नहीं होता