उदास लड़की
वह इसलिए भी आज-कल
इतना कम बोलती है!
उसकी आवाज़ फ़िज़ाओं में
केवल ग़म घोलती है!!
उसे आ जाती हैं याद कितनी
भूली-बिसरी कहानियां
वह अपने अंधेरे कमरे की
जब खिड़की खोलती है!!
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)
वह इसलिए भी आज-कल
इतना कम बोलती है!
उसकी आवाज़ फ़िज़ाओं में
केवल ग़म घोलती है!!
उसे आ जाती हैं याद कितनी
भूली-बिसरी कहानियां
वह अपने अंधेरे कमरे की
जब खिड़की खोलती है!!
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)