उदास आँखों से जिस का रस्ता मैं एक मुद्दत से तक रहा था
उदास आँखों से जिस का रस्ता मैं एक मुद्दत से तक रहा था
पता चला है वो मेरे ख़ातिर मेरे ही दिल में भटक रहा था
कुछ इस लिए भी खड़े हुए हैं ख़िलाफ़ मेरे तमाम सूरज
अँधेरे कमरे के एक कोने में बन के जुगनू चमक रहा था
~Aadarsh Dubey
Udaas aankhon se jiska rasta main eik muddat se tak raha tha
Pata chala hei wo mere khatir mere hi dil me bhatak raha tha
Kuch isliye bhi khade hue hein khilaf mere tamam sooraj
Andhere kamre ke eik kone me ban ke jugnu chamak raha tha
~Aadarsh Dubey