उदात्त जीवन / MUSAFIR BAITHA
समय की मांग के अनुसार प्रेम करने-त्यागनेे, घृणा बिसारने-उपजाने एवं अन्यमनस्कता बरतने-छोड़ने से परिभाषित होता है हमारा जीवन।
जीवन में स्वार्थ का उतरोत्तर ह्रास एवं परमार्थ का विकास हमारे व्यक्तित्व को उदात्त बनाता है एवं मनुष्य जीवन को विशिष्ट बनाता है।