उत्तर बिहार अर्थात मिथिला राज्य।
उत्तर बिहार अर्थात मिथिला राज्य।
-आचार्य रामानंद मंडल।
मिथिला मे मिथिला राज्य निर्माण के लेल बात -बिचार होइत रहय हय। परंच मतभिन्नता पायल जाइत हय। मिथिला के नक्शा पर विवाद हय।कहियो मिथिला राज्य निर्माण आंदोलन में भारत नेपाल सीमा पर अवस्थित पाया तोड़ो अभियान चलल रहय।अभियो कुछ मिथिला राज्य अभियानी भारत आ नेपाल स्थित मिथिला के समेकित मिथिला राज्य निर्माण के बात करैत हय।त कोई बंगाल आ झारखंड के कुछ भाग नया मिथिला राज्य निर्माण में चाहैत हतन। जे उचित न हय। प्राकृतिक मिथिला आबि छिन्न भिन्न हय। जेना आबि प्राकृतिक भारत संभव न हय,तहिना प्राकृतिक मिथिला संभव न हय। आबि भाषा के आधार पर मिथिला राज्य संभव न हय।
एकटा बात आउर के नेपाल मे मिथिला राज्य न बन के मधेश राज्य बन गेल।वोइसे सीख लेबे के आवश्यकता हय। आखिर कैला न मिथिला राज्य बनल। मधेश राज्य बनला पर भी वहां के बासी के धीया सीया से प्रेम कम न हय। असल मे वो राजनीतिक आ सामाजिक विरोध के कारण मिथिला राज्य न बन के मधेश बन गेल।आबि लोग के समझे के चाही कि आबि राजतंत्रात्मक विचार लागू न हो पायत।चाहे वो जनक राज्य कैला न हो।भारतो मे आबि राम राज्य न चलत।
कुछ विचारक सांस्कृतिक मिथिला राज्य के बात करैत हतन वोहो आबि न चलत। वर्तमान समय मे संवैधानिक वा राजनैतिक राज्य के बिचार होय के चाही। वर्तमान मे जे मिथिला राज्य निर्माण के बात हो रहल हय वो पक्षीय जान पड़ैत हय।वो सर्वपक्षीय होय के चाही।सभ वर्ग के साझेदारी होय के चाही। सर्वसम्मति होय के चाही।
वर्तमान बिहार सरकार प्रशासनिक रूप से बिहार के दो भाग में बांटि देलय हय। उत्तर बिहार आ दक्षिण बिहार। दक्षिण बिहार मे विकास के ज्यादा काज हो रहल हय। वास्तव मे उतर बिहारे मिथिला हय।जे पिछड़ल हय।
निष्कर्षत: संवैधानिक , राजनीतिक आ प्रशासनिक रूप से मिथिला राज्य के लेल उत्तर बिहार उपयुक्त हय। मिथिलावासी उत्तर बिहार के मिथिला राज्य बनाबे के मांग बिहार सरकार आ भारत सरकार से करे के आवश्यकता हय।सभ मिथिलावासी के मिथिला राज्य के लेल संवैधानिक संघर्ष के आवश्यकता हय।
@आचार्य रामानंद मंडल सीतामढ़ी।