Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Nov 2016 · 1 min read

उतर जाते है

उतर जाते हो

जब कलम बन कागज पर
उतर जाते हो
प्रणय का एक पैगाम मुझे
दे रहे होते हो ।
होठ कहते कहते अनायास
रूक जाते है
मुस्कराता चेहरा भेद सब
खोल जाता है।

Language: Hindi
73 Likes · 378 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
कर्म की भावना बरकरार रखो,
कर्म की भावना बरकरार रखो,
Ajit Kumar "Karn"
*बदल सकती है दुनिया*
*बदल सकती है दुनिया*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
क्यों सिसकियों में आवाज को
क्यों सिसकियों में आवाज को
Sunil Maheshwari
गुरु अंगद देव
गुरु अंगद देव
कवि रमेशराज
आज पुराने ख़त का, संदूक में द़ीद़ार होता है,
आज पुराने ख़त का, संदूक में द़ीद़ार होता है,
SPK Sachin Lodhi
कई बार सोचती हूँ ,
कई बार सोचती हूँ ,
Manisha Wandhare
तेरे सांचे में ढलने लगी हूं।
तेरे सांचे में ढलने लगी हूं।
Seema gupta,Alwar
3001.*पूर्णिका*
3001.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सिंहपर्णी का फूल
सिंहपर्णी का फूल
singh kunwar sarvendra vikram
जय हो जय हो महादेव
जय हो जय हो महादेव
Arghyadeep Chakraborty
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*भारत माता के लिए , अनगिन हुए शहीद* (कुंडलिया)
*भारत माता के लिए , अनगिन हुए शहीद* (कुंडलिया)
Ravi Prakash
माहिया छंद विधान (पंजाबी ) सउदाहरण
माहिया छंद विधान (पंजाबी ) सउदाहरण
Subhash Singhai
खालीपन
खालीपन
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
बादल बरस भी जाओ
बादल बरस भी जाओ
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
नव वर्ष पर सबने लिखा
नव वर्ष पर सबने लिखा
Harminder Kaur
GM
GM
*प्रणय*
तू जाएगा मुझे छोड़ कर तो ये दर्द सह भी लेगे
तू जाएगा मुझे छोड़ कर तो ये दर्द सह भी लेगे
कृष्णकांत गुर्जर
उन यादों को
उन यादों को
Dr fauzia Naseem shad
"प्रेम"
शेखर सिंह
भोजपुरी के संवैधानिक दर्जा बदे सरकार से अपील
भोजपुरी के संवैधानिक दर्जा बदे सरकार से अपील
आकाश महेशपुरी
मां की याद
मां की याद
Neeraj Agarwal
यह गोकुल की गलियां,
यह गोकुल की गलियां,
कार्तिक नितिन शर्मा
ज़िंदगी
ज़िंदगी
Raju Gajbhiye
केशों से मुक्ता गिरे,
केशों से मुक्ता गिरे,
sushil sarna
"तनाव में रिश्तों की डोरियां हैं ll
पूर्वार्थ
आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है
आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है
प्रेमदास वसु सुरेखा
" जब "
Dr. Kishan tandon kranti
बद्रीनाथ के पुजारी क्यों बनाते हैं स्त्री का वेश
बद्रीनाथ के पुजारी क्यों बनाते हैं स्त्री का वेश
Rakshita Bora
सताता है मुझको मेरा ही साया
सताता है मुझको मेरा ही साया
Madhuyanka Raj
Loading...