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1 Jun 2023 · 1 min read

उतर जाती है पटरी से जब रिश्तों की रेल

उतर जाती है पटरी से जब रिश्तों की रेल
शब्द नहीं खोजे मिलते, जब होता है मेल
जब होता है मेल, लगे होठों पर ताला
थर थर कांपे हाथ लगे क्या होने वाला
क्या कहें ‘हृदय हरवंश’, जिह्वा गई कतर
नयनों की भाषा ही अब दिल में रही उतर

✍️ हरवंश ‘हृदय’

1 Like · 744 Views
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