*उड़न-खटोले की तरह, चला चंद्रमा-यान (कुंडलिया)*
उड़न-खटोले की तरह, चला चंद्रमा-यान (कुंडलिया)
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उड़न-खटोले की तरह, चला चंद्रमा-यान
मानव का मानव-रहित, यह महान विज्ञान
यह महान विज्ञान, चॉंद के भीतर झॉंका
क्या उसमें भंडार, यान ने रुक कर ऑंका
कहते रवि कविराय, भेद शायद अब खोले
चंद्रलोक के राज, बता कुछ उड़न-खटोले
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451