उठो, थाम लो चक्र सुदर्शन
उठो, थाम लो चक्र सुदर्शन
माँ के भींगे आँचल का है,
मोदी तुझसे एक निवेदन।
उठो, थाम लो चक्र सुदर्शन।
चाँद निबेदन करता तुझसे,
दूर करो नापाक निशानी।
पाक का झंडा रोकर कहता,
व्देश है मेरा अभिमानी।
लहराती तलवार से इसकी,
खंडित कर दो तुम गर्दन।
मोदी तुझसे एक निबेदन।
उठो, थाम लो चक्र सुदर्शन।
भीख मांगता लिए कटोरी,
अस्मत की परवाह कहाँ,
फिर भी भारत से गद्दारी,
भौंक रहा कश्मीर जहाँ।
कान उमेठो इस दुश्मन का,
धुल छत दो इसको हर क्षण।
मोदी तुझसे एक निबेदन।
भारत माँ की यह पुकार है,
खून से माथे तिलक लगा लो।
हिम्मत की हुंकार भरो तुम,
रना का तुम शौर्य जग लो।
विश्व धुरंधर परम् लाड़ले,
दुश्मन का कर दो मर्दन।
मोदी तुझसे एक निबेदन,
उठो, थाम लो चक्र सुदर्शन।
संत कुमार मिश्र