उठे जागे..मुक्तक पढ़े.
बंधन में कब तक जीवित रह पाओगे,
कब तक घुट घुट पीड़ा सहते रहोगे,
एक न एक दिन तो करना पड़ेगा विरोध,
कहीं न कहीं से !
क्यों न वो शुरुआत ? इसी पल में हो..!!
.
डॉ0महेंद्र
बंधन में कब तक जीवित रह पाओगे,
कब तक घुट घुट पीड़ा सहते रहोगे,
एक न एक दिन तो करना पड़ेगा विरोध,
कहीं न कहीं से !
क्यों न वो शुरुआत ? इसी पल में हो..!!
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डॉ0महेंद्र