उजास
दिनभर खालीपन से ऊब कर,
शाम ने आखिर करवट बदल ली,
रात ले आयी तिमिर !
जिसमें था ;डर, भय,निराशा,
सुबह लेकर फिर आयी,
उम्मीद,आशा,हौसला,
जीवन में
होगा पुनः
उजास।
दिनभर खालीपन से ऊब कर,
शाम ने आखिर करवट बदल ली,
रात ले आयी तिमिर !
जिसमें था ;डर, भय,निराशा,
सुबह लेकर फिर आयी,
उम्मीद,आशा,हौसला,
जीवन में
होगा पुनः
उजास।