उजालों में अंधेरों में, तेरा बस साथ चाहता हूँ
उजालों में अंधेरों में, तेरा बस साथ चाहता हूँ
मिले न फिर भले ही दिन, मैं तो बस रात चाहता हूँ
जुदा हो जाये जग सारा, नहीं परवाह, तनिक भी है
तू है जो साथ मेरे तो, यही एक बात चाहता हूँ।
डॉ. दीपक मेवाती
उजालों में अंधेरों में, तेरा बस साथ चाहता हूँ
मिले न फिर भले ही दिन, मैं तो बस रात चाहता हूँ
जुदा हो जाये जग सारा, नहीं परवाह, तनिक भी है
तू है जो साथ मेरे तो, यही एक बात चाहता हूँ।
डॉ. दीपक मेवाती