उजली शाम
लालिमा नभ,
स्वच्छ हवा का झोंका,
उजली शाम ।
उड़ते जाते,
पंछी करते शोर,
घर की ओर ।
सूरज डूबा,
छत पर ये भोर,
चांद ले आया ।
हृदय छूती,
मधुरम आवाजें,
चित्त भी शांत ।
फूल महकें,
खुशबू फैली दूर,
खुशियां पूर्ण ।
आंखे खोजती,
आकाशी तारे प्यारे,
सांध्य में आ रे ।
@निल(सागर,मध्य प्रदेश)