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2 Sep 2019 · 1 min read

उँगलियाँ यूँ ना सब पर…..

उँगलियाँ यूँ ना सब पर उठाया करो
२१२__२१२__२१२__२१२

तुम कभी यूँ ना दिल अब दुखाया करो !
छत पे मेरी कभी आ भी …जाया करो !!

है बदी से नेकी जग मेंं ………उम्दा सुनो,,
कुछ-न-कुछ अब नेकी तो कमाया करो !!

खुद ही खुद की खुशी में न गुम तुम रहो,,
दु:खियों पर रहम तुम …..दिखाया करो !!

खुद के दामन पे धब्बे ……पड़े देख लो,,
उँगलियाँ यूँ ना सब पर ….उठाया करो !!

बैर की गाँठ को तुम ….जला आज दो,,
जो गया बीत ……उसको भुलाया करो !!

मैं ………जला हूँ तुम्हारे सरीखा बहुत,,
अब से “जैहिंद” को मत जलाया करो !!

==============
दिनेश एल० “जैहिंद”
08. 01. 2019

1 Like · 491 Views

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