*ई-रिक्शा (गीतिका)*
ई-रिक्शा (गीतिका)
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(1)
ई-रिक्शा देखो अति प्यारी
जनता की यह आम सवारी
(2)
कहने को ई – रिक्शा ,रिक्शा
गाड़ी से है लेकिन न्यारी
(3)
जिनके पास न बाइक-कारें
उनकी ई – रिक्शा दुखहारी
(4)
ई – रिक्शा में टैक्सी – वाली
भरी खासियत होती सारी
(5)
राजा – रानी जैसी जाती
ई – रिक्शा पर दुनिया वारी
(6)
पैसे – वालों की बाइक है
ई-रिक्शा गरीब की लारी
(7)
निर्धन या धनवान भले हो
ई – रिक्शा की सबसे यारी
(8)
ई – रिक्शा पर चढ़कर जाते
बूढ़े-बच्चे सब नर – नारी
(9)
ई – रिक्शा के बिना फिरेगी
दुर्बल जनता मारी – मारी
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*रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा*
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451