रहम करो
खबर लो उन
बेसहारों की
जो पड़े हैं
सर्दी में किनारे
सड़को के ।
ईस्वर पेट भर दो
उन मजबूर
लोगों का
जिनका रहबर
नही कोई सिवाय तेरे ।
शर्म आ जाये
उन अमीरों को
जो. फैंक देते है
भोजन डस्टबिनों में
नजर फैला कर तो
देखो दुनिया में
भूखों को नही मिलता
खाना कई महीनों में ।
ईस्वर रहम कर
अनाथ बच्चों पर
जो आये है धरती पर
सहारा लेकर तेरे चरणों का
उनके सिर पर भी
प्यार का हाथ रख देना
जिन्हें नसीब नही
प्यार ममता का
रौशनी उन मायूस
लोगों को भी दे देना
जो खिन्न होकर जकड़े है
नशे के जालों में ।
खुदा मेरे
एहसान कर देना
पेट भर सो
जाए गरीब
उम्मीदों के ख्वाबों में
चैन मिल जाय
बुजुर्गों की साँसों को
प्यार का एहसास दे देना
मुस्कान आ जाये
हर एक चेहरे पर
संसार को ऐसी
शुबह की पहली किरण
दे देना ।