ईश्वर में आसक्ति मोक्ष है
ईश्वर में आसक्ति मोक्ष है, गुणासक्ति बंधन कहलाती।
गुणातीत जीवन जीते जो, मुक्ति उन्हें भी है मिल जाती।।
सत-रज-तम इन तीन गुणों से, जो जन ऊपर उठ जाते हैं।
माया उनको तंग न करती, वे सारूप्य मुक्ति पाते हैं।।
प्रारब्ध नहीं आड़े आता, भगवत्ता है हिय हुलसाती।
गुणातीत जीवन जीते जो, मुक्ति उन्हें भी है मिल जाती।।
काल-कर्म-स्वभाव का पड़ता, गुणातीत पर असर नहीं है।
परमात्मा की कृपा कोर की, रहती कोई कसर नहीं है।।
राग-द्वेष उनको न सताते, मृत्यु न उनको दुख पहुॅंचाती।
गुणातीत जीवन जीते जो, मुक्ति उन्हें भी है मिल जाती।।
ज्ञान-क्रिया-इच्छा तीनों का, संगम हो जाता जीवन में।
निष्कामता कर्म में उतरे, मोद उतरता अन्तर्मन में।।
कवियों की सुलेखनी उनकी, युग-युग तक विरुदावलि गाती।
गुणातीत जीवन जीते जो, मुक्ति उन्हें भी है मिल जाती।।
महेश चन्द्र त्रिपाठी