ईश्वर तेरा कैंसा जीवन.
जीवन के है रंग निराले
थोडे भूरे थोडे कारे
कही रंगनियत मिलती नहीं
कही रंगिनियत दिखती नहीं
कहीं पे मिलती धन और दौलत
कदम चूमती उनके सौहरत
कई भूके पेट खडे
नंगे बदन हैं पडे
देख के दिल भरता है
सबको सब कुछ क्यों नही मिलता है
ईश्वर तेरा कैसा जीवन
कोई धनी है कोई निर्धन
ईश्वर मेरी दुआ यही
करदे मेरी एक कही
सबके जीवन को रंग से भरदे
चाहे ज्यादा गम ,खुशी कमही दे
किसी को कुंदन ,या चंदन ही बना दे
कही मधुवन कहीं गुलशन खिलादे
कोई ज्यादा कोई कम ही खाये
किसी का काम बस रुक ना पाये
काम सभी का चलता जाये
बस भूके पेट कोई सो ना पाये..
रजीत घोसी