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31 Dec 2017 · 1 min read

ईश्वर के ठेकेदार

ईश्वर के ठेकेदार
■■■■■■■■■■■■■
ईश्वर के ये बने हुए हैं जो भी ठेकेदार
यही तो हैं धरती के भार
यही तो हैं धरती के भार
★★★
ईश्वर की ये खोल दुकाने
बनते सबके भाग्य विधाता
करते धर्म-कर्म की बातें
बन जाते हैं देखो दाता
सुंदर रूप बना कर बैठे
दिखते जैसे बाबा पक्के
घात लगाए बैठे हैं ये
सच मानों तो चोर-उचक्के
तुमको रोटी के हैं लाले, इनकी देखो कार-
यही तो हैं धरती के भार
यही तो…
★★★
बिना काम के कैसे इनकी
भर जाती रोज तिजोरी है
नौकर-चाकर कोठी गाड़ी
इनके तो मन में चोरी है
राम न अल्ला मन में इनके
बस धन की माया जारी है
ये धवल दूध से दिखते हैं
पर पक्के मिथ्याचारी हैं
ईश्वर के ये ले लेते हैं अक्सर ही अवतार-
यही तो हैं धरती के भार
यही तो…
★★★
नारी को कहते हैं देवी
बेटी या फिर कहते माता
अपनी नज़रों से तुम देखो
कितना पाक हुआ यह नाता
लेकिन कितनी है बेशर्मी
कितने पाप उड़ेल रहें हैं
जनता के उपदेशक देखो
माँ बहनों से खेल रहे हैं
इनके रहते इस धरती का कैसे हो उद्धार-
यही तो हैं धरती के भार
यही तो…

– आकाश महेशपुरी

Language: Hindi
Tag: गीत
3 Likes · 1219 Views

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