Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Nov 2018 · 2 min read

ईश्वर की अनुपम सौगात है माँ

ईश्वर की अनुपम सौगात है माँ,
सृष्टि के कण-कण में व्याप्त है माँ |
चाहो तो दिल चीर कर दिखा दूँ,
हर स्पंदन में संव्याप्त है माँ |

आँख है कान है अधर है माँ,
दृष्टि है शब्द है मुखर है माँ |
इस अनजान जीवन डगर में,
सदा सर्वदा हमसफ़र है माँ |

समासों में द्वंद्व समास है माँ,
अक्षरों में अकार है माँ |
वेदनाएँ जहाँ शरण लेती,
भावनाओं का ऐसा घर-द्वार है माँ |

हृदय में प्राण का संचार है माँ,
हर दुःख-दर्द का उपचार है माँ |
छोटा-बड़ा उम्र चाहे कितनी भी हो,
व्यथा-वेदनाओं की कातर पुकार माँ |

सुबह उठने से रात सोने तक,
निष्काम कर्मयोग का सफर है माँ |
बिखरा संसार हरपल जोड़ती जो,
जुड़कर चलने की पक्षधर है माँ |

बनके, मिटके भी जो नहीं मिटती,
संभावनाओं की वो लहर है माँ |
गीता के योग जहाँ मुखर होते,
उस ज्ञान का सर्वोच्च शिखर है माँ |

वेद ऋचाएँ जहाँ विश्राम लेती,
उन ऋचाओं का मूल स्वर है माँ |
यह दृश्य जगत भले ही नश्वर हो,
कालातीत, शब्दातीत अनश्वर है माँ |

क्रियाओं में रहकर भी नहीं रहती,
निरासक्त, निस्पृह, निर्लिप्त है माँ |
क्रियाओं के न रहने पर भी रहती,
अविचल, तटस्थ गुणातीत है माँ |

विशालता को क्षुद्रता में मत खोजो,
जीवन के हर पृष्ठ पर है माँ |
ब्रह्माण्ड में जो अविराम गूंजे,
वह पावन ॐ कार स्वर है माँ |

शब्द-चातुर्य माँ क्या जाने,
जीवन-मुक्ति की सीधी डगर है माँ |
ब्रह्मा, विष्णु, रूद्र को झुलाती जो,
सती अनुसुइया के साथ अमर है माँ |

अयं निजः परोवेति माँ क्या जाने,
वसुधैव कुटुंबकम की पक्षधर है माँ |
सुख के स्वर तो अनेक होते हैं,
किन्तु हर दुःख में ओठ पर है माँ |

सप्त सिंधु जल मशी बन जाए,
सकल विपिन लेखिनी बन जाए,
धरती गर कागज बन जाए,
माँ की महिमा लिखी न जाए |

– हरिकिशन मूंधड़ा
कूचबिहार
रचना तिथि – १८/११/१८

Language: Hindi
4 Likes · 7 Comments · 336 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तानाशाह के मन में कोई बड़ा झाँसा पनप रहा है इन दिनों। देशप्र
तानाशाह के मन में कोई बड़ा झाँसा पनप रहा है इन दिनों। देशप्र
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
" कभी नहीं साथ छोड़ेंगे "
DrLakshman Jha Parimal
बरसात
बरसात
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
ज़िन्दगी! कांई कैवूं
ज़िन्दगी! कांई कैवूं
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
इस जीवन का क्या है,
इस जीवन का क्या है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
" आज चाँदनी मुस्काई "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
नम आँखे
नम आँखे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
पारस्परिक सहयोग आपसी प्रेम बढ़ाता है...
पारस्परिक सहयोग आपसी प्रेम बढ़ाता है...
Ajit Kumar "Karn"
🙅न्यूज़ ऑफ द वीक🙅
🙅न्यूज़ ऑफ द वीक🙅
*प्रणय*
To improve your mood, exercise
To improve your mood, exercise
पूर्वार्थ
रौनक़े  कम  नहीं  है  चाहत  की,
रौनक़े कम नहीं है चाहत की,
Dr fauzia Naseem shad
तुम्हारी कहानी
तुम्हारी कहानी
PRATIK JANGID
सांसों का थम जाना ही मौत नहीं होता है
सांसों का थम जाना ही मौत नहीं होता है
Ranjeet kumar patre
जिंदगी बेहद रंगीन है और कुदरत का करिश्मा देखिए लोग भी रंग बद
जिंदगी बेहद रंगीन है और कुदरत का करिश्मा देखिए लोग भी रंग बद
Rekha khichi
😑😭👋😥😬 इस दुनिया में वफ़ा करने वालों की कमी नहीं, बस प्यार ही उससे हो जाता है जो बेवफा हो। 😑😭👋😥😬
😑😭👋😥😬 इस दुनिया में वफ़ा करने वालों की कमी नहीं, बस प्यार ही उससे हो जाता है जो बेवफा हो। 😑😭👋😥😬
Sageer AHAMAD
???????
???????
शेखर सिंह
एकतरफ़ा इश्क
एकतरफ़ा इश्क
Dipak Kumar "Girja"
प्रेम अंधा होता है मां बाप नहीं
प्रेम अंधा होता है मां बाप नहीं
Manoj Mahato
जो आज शुरुआत में तुम्हारा साथ नहीं दे रहे हैं वो कल तुम्हारा
जो आज शुरुआत में तुम्हारा साथ नहीं दे रहे हैं वो कल तुम्हारा
Dr. Man Mohan Krishna
जल रहे अज्ञान बनकर, कहेें मैं शुभ सीख हूँ
जल रहे अज्ञान बनकर, कहेें मैं शुभ सीख हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak
"विश्वास"
Dr. Kishan tandon kranti
कदम आगे बढ़ाना
कदम आगे बढ़ाना
surenderpal vaidya
4031.💐 *पूर्णिका* 💐
4031.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मुझे प्यार हुआ था
मुझे प्यार हुआ था
Nishant Kumar Mishra
इस उरुज़ का अपना भी एक सवाल है ।
इस उरुज़ का अपना भी एक सवाल है ।
Phool gufran
शामें दर शाम गुजरती जा रहीं हैं।
शामें दर शाम गुजरती जा रहीं हैं।
शिव प्रताप लोधी
शिक्षा
शिक्षा
Adha Deshwal
प्यार में बदला नहीं लिया जाता
प्यार में बदला नहीं लिया जाता
Shekhar Chandra Mitra
फौजी की पत्नी
फौजी की पत्नी
लक्ष्मी सिंह
जिंदगी का यह दौर भी निराला है
जिंदगी का यह दौर भी निराला है
Ansh
Loading...